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Friday 1 May 2020

मजदूर दिवस ( Labour Day )

मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता हैLabour Day क्या है इन हिंदी ,May Day

Labour Day 2020: आज का हमारा लेख सभी मजदूरों (Labour) को समर्पित है, जो दिन रात मेहनत करकें देश को तरक्की की राह पर लेकर जाते हैहर वो व्यक्ति जो ईट पत्थर उठाता है जो ऑफिस में किसी के अंडर काम करता है, जो किसी संस्था के लिए काम करता है, वो मजदूर है, ये ऐसे स्वाभिमानी व्यक्ति होते है जो थोड़े में भी खुश रहकर मेहनत और लगन में विश्वाश रखतें है,
मजदूर हमेशा सर उठाकर शान के साथ जीता है वो कभी किसी के आगे हाथ नहीं फैलाता, वो मेहनत करता है और इज्जत की जिन्दगी जीता है, कभी किसी को कम नहीं समझना चाहिए, हर बिज़नस को आगे लेकर जाने के लिए मजदूर की जरूरत होती है, उसके बिना कोई काम आगे नहीं बड सकता,
एक मई को दुनिया के लगभग 80 देशों में अन्तराष्ट्रीय श्रमिक दिवस 2020) मनाया जाता है, जिसे मई दिवस (May Day), लेबर डे, मजदूर दिवस (Labour Day) भी कहा जाता है, इस दिन को देश की लगभग सभी कंपनियों में छुटी रहती है, अमेरिका और कनाडा में मजदूर दिवस Labour Dayसितम्बर महीने के पहले सोमवार को मनाया जाता है और यूरोप में इसे बसंत की छुट्टी घोषित किया गया है,

मजदूर दिवस का इतिहास (Labour Day History in Hindi)

मजदूर दिवस (Labour Day) मनाने की शुरुआत 1 मई 1886 को हुई थी, अमेरिका की मजदूर यूनियनों के मिलकर काम का समय 8 घंटे तय किया और सरकार के खिलाफ हड़ताल कर दी | उस समय मजदूरों से 12 से 16 घंटे काम करवाया जाता था और मजदूरों की सुरक्षा पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जाता था, अमेरिका में उस समय का बहुत बुरा हाल था, इसलिए अमेरिका की सड़कों पर लाखोँ की तादाद में मजदूर उतर आए और प्रदर्शन करने लगे थे,
इसी के चलते 4 मई 1886 को शिकागो के हेमार्केट में मजदूर प्रदर्शन कर रहे थे कि अचानक किसी के दुवारा हेमार्केट में बम बलास्ट कर दिया गया था जिसके चलते पुलिस ने प्रदर्शन करियों पर गोली चलानी शुरू कर दी और गोलाबारी में कुछ मजदूरों की जान गई और बहुत सारे मजदूर ज़ख्मी हो गये, इस बिरोथ का अमेरिका में जल्दी से कोई परिणाम नहीं मिला पर बहुत सारे करमचारियों और समाजसेवाओ की सहायता से कुछ समय बाद अमेरिका और बहुत सारे देशो में 8 घंटे काम करने की पद्धति को अपनाया जाने लगा,

मई दिवस भारत में क्यों मनाते है?(Labour Day in Hindi)

भारत में मई दिवस (May Day) या मजदूर दिवस (Labour Day)  कामकाजी लोगो के सम्मान में मनाया जाता है, भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत सबसे पहले मद्रास (चेन्नई) 1 मई 1923 को हुई थी, भारत में उस समय आजादी से पहले पहली बार लाल झंडे का इस्तमाल किया गया था, मजदूर दिवस को पहले मद्रास दिवस के नाम से भी जाना जाता था, इसकी शरुआत सिंगरावेलू चेट्यार ने की थी जो उस समय भारती मजदूर किसान पार्टी के कामरेड नेता थे,
मजदूर दिवस (Labour Day) के लिए भारत  में मद्रास हाईकोर्ट के सामने एक बड़ा प्रदर्शन किया और सरकार के सामने यह प्रस्ताव रखा गया की 1 मई को मजदूर दिवस घोषित कर दिया जाए, तब से भारत में मजदूर दिवस मनाया जाता है,

भारत में मई दिवस मनाने का तरीका

मजदूर दिवस (Labour Day) को पुरे विश्व में मनाया जाता है और भारत में भी श्रमिक दिवस (May Day) बहुत अच्छे तरीके से मनाया जाता है, इस दिन को भारत में कामकाजी लोगो के सम्मान में मनाया जाता है, इस दिन भारत में लगभग सभी कंपनियों में छुट्टी होती है, बहुत सारी संस्था मिलकर सड़कों पर जलूस निकालती है, जगह जगह पर program रखें जातें है जिस में लोग बडचड़ कर हिसा लेते है, स्पीच के द्वारा लोगो के जागरूक किया जाता है,
मुम्बई और गुजरात में इस दिवस को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है क्योंकि 1 मई 1960 को मुम्बई और गुजरात को राज्य का दर्जा मिला था, इसलिए मजदूर दिवस को मुम्बई दिवस और गुजरात दिवस भी कहा जाता है,
भारत में हर वर्ष की 1 मई को श्रमिक दिवस मनाया जाता है

मजदूर दिवस पर लोगो के कथन

§  जॉन लोके मजदूरो के बारे में कहतें है,“वास्तव में यह मजदूर है जो सभी चीजों में फर्क पैदा करता है,”
§  अब्राहम लिंकन ने कहा,“कोई व्यक्ति अगर आपसे कहे कि वो अमेरिका से प्यार रता है, फिर भी मजदूरों से नफरत करता है, वो झूठा है, अगर कोई आपसे कहे कि वो अमेरिका पर भरोसा करता है, फिर भी मजदूरों से डरता है, तो वो बेवकूफ है,”
§  यूलिसेस एस. ग्रांट ने मजदूरों के बारे में कहा,“मजदूर कभी किसी का अनादर नहीं करते, पर दुर्भाग्यवश आप अक्सर उस इंसान को पायेंगे जो श्रमिकों का निरादर करता है,”
§  ब्रूस स्टरलिंग ने मजदूरों के बारे में कहा है,“गैर नौकरशाही, एकजुटता चालित, सहभागी, गैर व्यवसायिक, कलाकार होने का दिखावा करने वाला, इन सभी साफ दिखाई देने वाले गुण के साथ, आपको आश्चर्यचकित होना पड़ेगा कि क्यों इस तरह की व्यवस्था एक मजदूर दिवस अवकाश से अंतिम किसी लंबे समय तक के लिये प्रतीत नहीं हो सकता,”
§  सैमुअल जेमपर्स ने मजदूरों के बारे में कहा है,“किसी भी देश में वर्ष के दूसरे अवकाश से सभी जरुरी में श्रमिक दिवस अलग होता है, पुरुष के ऊपर पुरुष की दिलेरी के विरोध और संघर्ष के साथ ज्यादा या कम सीमा में सभी दूसरे अवकाश जुड़े होते हैं, लालच और शक्ति के लिये शत्रुता और विरोध, एक राष्ट्र से दूसरे के ऊपर प्राप्त किया गया गौरव, मजदूर दिवस किसी पुरुष, जीवित या मृत्यु, किसी धर्म, नस्ल या राष्ट्र के लिये समर्पित नहीं है,

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