हम सब कितना स्वार्थी हो गए है ?
आज हमारे समाज में हर व्यक्ति किसी का सहारा बने या किस की किसी भी प्रकार से मदद करे उससे पहले वो अपने फायदे और नुकशान के बारे में सोचता है .
- ऐसा क्यों ?
किसी की मदद करने के लिए किसी प्रकार का फ़ायदा देखना या नुकशान देखना .ये मानव जाती के लिए अच्छी बात नहीं .आज हम किसी की मदद के लिए अपने कदम आगे बढ़ाएंगे तभी तो कोई हमारी मदद करने के लिए आगे आएगा . ये देखते हुए की वो इंसान सबकी मदद के लिए हमेसा तैयार रहता है ,
अब ऐसा तो है नहीं की किसी को किसी की मदद की जरूरत ही न पड़े . आज नहीं तो कल तन से मन से या धन से मदद की जरूरत होती है इस लिए आप सभी से निवेदन है की किसी की भी मदद करने के लिए पीछे न हटे न ही किसी प्रकार का बहाना ढूढे.....
- जैसे मेरा क्या फ़ायदा होगा ?
- मै उसकी मदद क्यों करू मै तो उसको जनता भी नहीं .
- उनकी मदद करने से कोई फ़ायदा नहीं उनको उनके हाल पर छोर दो .
- आज हमारे पास बहुत काम है .
- आज मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं लग रही है .
- आज समय नहीं है फिर किसी दिन देख लेंगे.
उस वख्त मन में बस यही ख्याल आता है ....
- कोई अपना नहीं होता .
- कोई भी रिश्ता रखने के लायक नहीं .
- दोस्त ही धोखा दे गए पीठ दिखा कर निकल गए .
- वो मदद कर सकता था पर बहाना बना कर निकल गया .
- आज हमारी जरूरत पर कोई साथ नहीं दे रहा है .
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